राजनीतिक मंच पर एक नया विवाद उत्पन्न हुआ है। एक अज्ञात राष्ट्रपति ने किसी व्यक्ति को ‘हिंसक’ व्यक्ति के रूप में चित्रित किया है, हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उसकी दोषी ठहराने की प्रक्रिया पूरी हुई है या नहीं। इस संदर्भ में, राष्ट्रपति ने कहा, “हमें लगता है कि हम एक बहुत हिंसक व्यक्ति को दे रहे हैं। और मुझे नहीं पता कि अभी तक उसे दोषी ठहराया गया है या होगा, लेकिन मान लेते हैं कि वह एक काफी हिंसक व्यक्ति है।”
इस बयान के बाद से ही विवाद ने गति पकड़ ली है। विपक्ष ने इसे ‘अनुचित’ और ‘असंवेदनशील’ बताया है, कहा गया है कि यह एक व्यक्ति के खिलाफ पूर्वाग्रह को बढ़ावा दे रहा है, जबकि उसकी दोषी ठहराने की प्रक्रिया अभी भी चल रही है।
इसके विपरीत, इस बयान का समर्थन करने वाले कह रहे हैं कि राष्ट्रपति ने केवल अपनी व्यक्तिगत भावनाओं को व्यक्त किया है, और यह उनका अधिकार है। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा है कि “मान लेते हैं”, जिससे संकेत मिलता है कि वे किसी भी प्रकार की निश्चितता में नहीं हैं।
इस विवाद में एक चीज स्पष्ट है कि आदालती प्रक्रिया का सम्मान करना और किसी भी व्यक्ति को अपराधी मानने से पहले उसे दोषी ठहराने की प्रक्रिया को पूरा होने देना चाहिए। इसके बावजूद, यह वाक्यांश राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गया है, जिसमें पक्ष और विपक्ष अपने-अपने दृष्टिकोण से इसे देख रहे हैं।