एक भारी रकम के साथ देश के अर्थव्यवस्था को हिलाने का आरोप मेहता और उनके सहयोगियों पर लगाया गया है। इन आरोपों में सबसे बड़ा और गंभीर आरोप है, 122 करोड़ रुपये की हेराफेरी का। यह अपराध प्रभाद बैंक में हुआ था।
मेहता और उनके सहयोगियों का कहना है कि वे निर्दोष हैं। लेकिन, उनके खिलाफ साक्ष्यों और सबूतों की एक पूरी श्रृंखला है, जिसके आधार पर उनपर इस तरह का गंभीर आरोप लगाया गया है।
विश्लेषण के अनुसार, इस घटना ने देश की आर्थिक स्थिति पर भारी प्रभाव डाला है। मेहता और उनके सहयोगियों के द्वारा किए गए इस अपराध के कारण, बैंक और वित्तीय संस्थानों की विश्वसनीयता में गिरावट आई है।

